Lifestyle

Respiratory system को मजबूत करने के लिए रोजाना करें यह योगासन

कोरोना वायरस संक्रमण के काल में योगासन हमारे लिए बहुत आवश्यक हो चुके हैं खास तर ऐसा योगासन जो हमारी सांस लेने की प्रक्रिया को और भी ज्यादा मजबूत करें क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण हमारी सांस पर ही सीधे वार करता है जिसके कारण हमें सांस लेने की समस्या होने लगती है ऐसे में प्राचीन समय के कुश योग हमारे लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आधुनिक समय में इसका महत्व और बढ़ गया है दुनिया भर में लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बना चुके हैं रोजाना योग करने वाले लोग स्वस्थ बने रहते।

यह भी पढ़े : नक्सलियों ने रची साजिश, दंतेवाड़ा में रेल को पटरी से उतारा 

शोध की माने तो शारीरिक और मानसिक सेहत का अनुकूल योग करने से पड़ता है विशेषज्ञों का कहना है कि योग करने से व्यक्ति हमेशा निरोग रह सकता है योग के कई साधन होते हैं इनमें से कई आसान सा संबंधित तकलीफों को दूर करने के लिए कारागार होती है अगर आप भी अपनी रेस्पिरेट्री सिस्टम को और ज्यादा मजबूत करना चाहते हैं तो इन योगासनों को रोजाना करें ताकि आप को सांस लेने में कभी किसी समस्या का सामना ना करना पड़े।

यह भी पढ़े : नक्सलियों ने रची साजिश, दंतेवाड़ा में रेल को पटरी से उतारा 

भस्त्रिका प्राणायाम

यह योग करने से शरीर में ऑक्सीजन का संचार नॉर्मल से ज्यादा तेज गति से होता है जबकि कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर कम होने लगता है ह्रदय रोग दूर करता है इस योग को करने से सांस और गले से संबंधित सभी तकलीफें दूर होने लगती है प्राचीन काल से इस योग को किया जाता है ताकि लोगों को साथ संबंधित तकलीफों का सामना ना करना पड़े इससे स्वच्छ वातावरण में मुद्रा बना कर बैठ जाता है इसके बाद अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखा जाता है। इस आसन को करने के लिए लंबी सांस लें और फेफड़े में वायु को भर जाने दें इसके बाद बार-बार एक तेजी से सांस छोड़ें इस आसन को एक बार में कम से कम 10 बार जरूर करें।

यह भी पढ़े : नक्सलियों ने रची साजिश, दंतेवाड़ा में रेल को पटरी से उतारा 

उज्जाई प्राणायाम

यह एक संस्कृत का शब्द है यह उज्जाई से मिला कर बनाया गया है आपको बता दें कि हिंदी में इसका अर्थ जीत होता है इस योग को करने से एकाग्रता बढ़ती है और चिंता दूर हो जाती है अगर आपको किसी प्रकार की चिंता बनी हो तो आप इस योग को स्वयं पर आजमा कर जरूर देखें साथ ही फेफड़े सुचारू रूप से काम करने लगते हैं इस योग में गहरी सांस लेकर छोड़ी जाती है रोजाना इस प्राणायाम को करने से रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत होता।

यह भी पढ़े : नक्सलियों ने रची साजिश, दंतेवाड़ा में रेल को पटरी से उतारा 

कपालभाति

यह भी एक प्राणायाम का हिस्सा है यह हिंदी के दो शब्द कपाल जिसका अर्थ ललाट होता है और दूसरा शब्द है भारती इसका अर्थ चमक होता है इस युग में सांस को लंबे समय तक रोकने की कोशिश की जाती है साथ ही पेट और फेफड़ों की मदद से सांस को बाहर छोड़ा जाता है इससे फेफड़ों की शुद्धि होती है इस युवक को करने से पाचन और रेस्पिरेट्री सिस्टम मजबूत हो जाता है।

यह भी पढ़े : नक्सलियों ने रची साजिश, दंतेवाड़ा में रेल को पटरी से उतारा 

ध्यान दें : दिए गए लेख में जुट टिप्स और सुझाव आप तक पहुंचाए गए हैं इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं ले बीमारी या संक्रमण के लक्षण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें। यह एक मात्र सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: