हस्तशिल्प की मांग अमेरिका और यूरोप में तेज, निर्यात में हुई 15 प्रतिशत की वृद्धि
चालू वित्त वर्ष में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। निर्यातकों की ऑर्डर बुक अच्छी है।
कोरोना महामारी के कारण भारत में निर्यात होने वाले सामानों में रोक की वजह से निर्यात में कमी आ गई थी। लेकिन रोक हटने के बाद धीरे-धीरे निर्यात में तेजी आ रही है। अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में हस्तशिल्प की अच्छी मांग है। हस्तशिल्प की अच्छी मांग होने के कारण देश के हस्तशिल्प निर्यात में वृद्धि हो रही है। चालू वित्त वर्ष में हस्तशिल्प निर्यात में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है।
यह जानकारी हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने दी है। अप्रैल-जून 2021 के दौरान निर्यात पिछले साल की समान अवधि के 1,259.34 करोड़ रुपए से बढ़कर 3,447.71 करोड़ रुपए हो गया है। ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा के अनुसार, ई-कॉमर्स पर अगली विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए।
ई-कॉमर्स निर्यात की सुविधा के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), डाक विभाग (डीओपी), विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) जैसे कई इंटरफेस के डिजिटल एकीकरण की आवश्यकता है। राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की वजह से यह वृद्धि प्रभावित भी हो सकती है।
मौजूदा मांग के अनुसार, हम चालू वित्त वर्ष में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। निर्यातकों की ऑर्डर बुक अच्छी है। साथ ही अमेरिका और यूरोप के हमारे प्रमुख बाजारों में अच्छी मांग है। भारत से वस्तुओं के निर्यात की योजना (एमईआईएस) के तहत कोष जारी करने जैसे सरकारी समर्थन से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। दुनिया में हस्तशिल्प उत्पादों की मांग तेज है। ई-कॉमर्स नए उपभोक्ताओं को आकर्षित करने में मदद कर सकता है।
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