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सीएम योगी ने टीम-9 के साथ की समीक्षा बैठक, दिए जरूरी दिशा-निर्देश ….

सभी जिलों में क्रियाशील हो आईसीयू, कहीं न हो दवाओं, विशेषज्ञों और टेक्नीशियन की कमी

सभी जिलों में क्रियाशील हो आईसीयू, कहीं न हो दवाओं, विशेषज्ञों और टेक्नीशियन की कमी
मुख्यमंत्री का निर्देश, आउटसोर्स कर्मियों का समय पर हो भुगतान
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड प्रबंधन के लिए गठित उच्चस्तरीय टीम-9 के साथ सोमवार को प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान कहा कि, विभिन्न देशों में बढ़ते कोविड-19 के संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश की स्थिति सामान्य है। दिसंबर माह में 9 लाख 6 हजार से अधिक टेस्ट किए गए, जिसमें 103 केस की पुष्टि हुई।
कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। विगत दिनों मॉक ड्रिल में जो भी कमियां मिली हैं, उनमें तत्काल सुधार किया जाए। कोविड काल में सरकार ने हर जिले में आईसीयू स्थापित किये हैं, उन्हें क्रियाशील रखा जाए। हर आईसीयू में एनेस्थेटिक व अन्य स्पेशलिस्ट चिकित्सकों और टेक्नीशियन की उपलब्धता हो। आक्सीजन प्लांट पर तीन टेक्नीशियन तैनात होने चाहिए।
उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड वैक्सीनेशन करने वाला राज्य है। वर्तमान में प्रदेश में 11 लाख से अधिक डोज उपलब्ध है। मांग के अनुरूप वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भारत सरकार से सतत संपर्क बनाए रखा जाए। कोविड संक्रमण से बचाव में टीके की उपयोगिता स्वयंसिद्ध है। प्रीकॉशन डोज लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। इसमें तेजी की आवश्यकता है।
कोविड काल के पिछले दो-ढाई वर्ष की अवधि में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में अस्थायी तौर पर कार्मिकों की तैनाती की गई थी। कोविड काल में अपने प्राणों की परवाह न करते हुए इनके द्वारा किया गया दायित्व निर्वहन प्रेरणास्पद है और सेवाभावना सराहनीय है। इन कार्मिकों की इस सेवावधि की भविष्य में होने वाली नियुक्तियों में गणना की जाए। ऐसे कार्मिकों को वरीयता दी जाए। इस संबंध में स्पष्ट नियमावली तैयार की जाए।
 सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए लोगों को जागरूक करें। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को एक्टिव करें। कोविड काल में सेवा देने वाले सभी अस्थायी/आउटसोर्सिंग कार्मिकों को बकाया मानदेय का भुगतान तत्काल कराया जाए। यदि शासन/विभाग से भुगतान होने के बाद संबंधित एजेंसी द्वारा कार्मिक को भुगतान नहीं किया है तो ऐसे प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए बकाया भुगतान कराया जाए।
प्रदेश में धान खरीद की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 6.50 लाख किसानों से 41 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीद हो चुकी है। 8400 करोड़ की इस खरीद के सापेक्ष वर्तमान में बकाये 6700 करोड़ का भुगतान किसानों के बैंक खाते में किया जा चुका है। अवशेष 1700 करोड़ का यथाशीघ्र भुगतान करा दिया जाए।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अन्य जिलों में भी किए जाने चाहिए। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए।
शीतलहर के बीच निराश्रित जनों की सहायता के लिए जिलाधिकारीगण स्वयं रैन बसेरों की व्यवस्था का औचक निरीक्षण करें। जहां आवश्यकता हो सुधार कराएं। ठंढक के मौसम में सड़क पर कोई भी व्यक्ति सोता हुआ नजर न आए। हर जरूरतमंद को रैन बसेरे की सुविधा उपलब्ध हो।

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