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बुलडोजर का खौफ ! इस मामले में आज़म खान ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

खान का दावा है कि यह शर्त उनके जौहर विश्वविद्यालय के एक हिस्से को ढहाने से संबंधित है।

रामपुर : सुप्रीम कोर्ट सपा के वरिष्ठ नेता और यूपी सरकार के पूर्व मंत्री आजम खान की एक याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। आजम खान ने जमानत की शर्तों के तहत रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी पर बुलडोजर चलने की आशंका जताई है। आजम खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में इसी हफ्ते सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने जमानत के लिये इलाहबाद उच्च न्यायालय द्वारा रखी गई एक शर्त को चुनौती दी है। खान का दावा है कि यह शर्त उनके जौहर विश्वविद्यालय के एक हिस्से को ढहाने से संबंधित है। विश्वविद्यालय को कथित रूप से शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर बनाया गया था।
आजम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जस्टिस डी वाई चंद्रकुड और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि वह मामले को इस सप्ताह सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी। मामला वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर गलत तरीके से कब्जा करने का है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में कई शर्तें लगाई थी।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 10 मई को खान को अंतरिम जमानत देते हुए रामपुर के जिलाधिकारी को 30 जून, 2022 तक जौहर विश्वविद्यालय के परिसर से जुड़ी शत्रु संपत्ति को कब्जे में लेने और उसके चारों ओर कंटीले तारों से चारदीवारी बनाने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि उक्त कवायद पूरी होने पर आजम खान की अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदल दिया जाएगा। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि विभाजन के दौरान इमामुद्दीन कुरैशी नामक शख्स पाकिस्तान चला गया था और उसकी जमीन को शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन खान ने अन्य लोगों के साथ मिलीभगत से 13.842 हेक्टेयर भूखंड पर कब्जा कर लिया।

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