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बिहार: पिछले 24 घंटे में 11801 नए मामले आए सामने, 67 की गई जान 

बिहार में कोरोना की दूसरी लहर जारी है. राज्य में कोरोना संक्रमण के सोमवार को 11,801 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में कोरोना के एक्टिव (सक्रिय) मरीजों की संख्या 90 हजार के करीब पहुंच गई है. पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 67 संक्रमितों की मौत हो गई है. इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक कर अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं. राज्य में सोमवार को पटना सहित छह जिलो में पांच सौ से अधिक नए कोरोना संक्रमित मिले हैं.

सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 89,660 तक पहुंच गई

पिछले 24 घंटों में कोरोना के 11,801 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में कोविड-19 के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 89,660 तक पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान राज्य में 67 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई.

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राज्य में अब संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 2,222 तक पहुंच गया है. इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने नमूनों की जांच बढ़ाने और जांच रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर भी जरूरी निर्देश दिए.

विशेषज्ञों के अनुसार इसके अभी और बढ़ने की संभावना: नीतीश 
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहे हैं, विशेषज्ञों के अनुसार इसके अभी और बढ़ने की संभावना है। पटना के एक मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड.19 से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही।

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उन्होंने निर्देश दिया कि पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) सहित सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड बेड की संख्या बढ़ायी जाए।

नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को लेकर हरेक पहलू पर गंभीरतापूर्वक विचार करें और परिस्थिति के अनुसार हर जरुरी कदम उठाएं। उन्होंने उनसे कहा कि जांच की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ जांच रिपोर्ट जल्द उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, इससे संक्रमितों का समय पर इलाज किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में चुनाव के लिए जो भी पुलिस कर्मी बाहर गये हैं, वापस लौटने पर उनकी जांच करवाएं तथा पुलिसकर्मियों की भी नियमित जांच करवाते रहें।

उन्होंने कहा कि आयुष चिकित्सकों, यूनानी चिकित्सकों, दंत चिकित्सकों और सेवानिवृत चिकित्सकों का भी इस महामारी से निबटने में सहयोग लें। इसके साथ.साथ अन्य प्रकार के चिकित्सा कार्य से भी जुड़े लोगों की ट्रेनिंग कराकर उनका सहयोग लिया जाए।

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