Uttar Pradesh

रिश्वतखोरी के चलते आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अतिप्रिया गौतम का तर्क था कि दिल्ली के नोएडा में भ्रष्टाचार के मामले में इसके खिलाफ चल रहे केस के आधार पर चार्जशीट देकर अधिकारियों ने विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी थी।

लखनऊ : यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और मामले पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। जिसको लेकर अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नोएडा के थाना सेक्टर-20 गौतम बुद्ध नगर में तैनात रहे पुलिस इंचार्ज पुलिस इंसपेक्टर मनोज पंत के खिलाफ चल रही विभागीय कार्यवाही पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। इस पूरे मामले पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए पुलिस अधिकारियों से चार हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।

इस समय याची जनपद महराजगंज में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। इस मामले में इंस्पेक्टर ने याचिका दाखिल कर विभागीय कार्यवाही को चुनौती दी है। और उसके द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने की है। आपको बता दें कि वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अतिप्रिया गौतम का तर्क था कि दिल्ली के नोएडा में भ्रष्टाचार के मामले में इसके खिलाफ चल रहे केस के आधार पर चार्जशीट देकर अधिकारियों ने विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है।

19 सितम्बर 2019 के आदेश से याची के खिलाफ उत्तरप्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों के नियम 14 (1)  के तहत कार्रवाई करते हुए आरोप-पत्र सौंपा गया है और इनपर अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने के लिए दो लाख रिश्वत लेने का आरोप भी लगाया है जिसके साथ ही इन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।

इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि याची के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही पूर्व में दर्ज प्राथमिकी को आधार बनाकर की जा रही है जो सुप्रीम कोर्ट के कैप्टन एम.पाल. एन्थोनी व पुलिस रेगुलेशन के पैरा 492 व 493 के खिलाफ है। इसमें वकीलों की बहस थी कि यह प्रतिपादित सिद्धांत है कि जब आपराधिक व विभागीय कार्यवाही एक ही आरोपों को लेकर चल रही हो तो विभागीय कार्यवाही आपराधिक केस के निस्तारण तक स्थगित रखी जाए।

साथ ही मामले के अनुसार 30 जनवरी 2019 को याची व तीन अन्य मीडिया कर्मियों को इस भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तत्कालीन याची को सस्पेंड कर दिया गया था। जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद याची ने तुरंत बिना समय गंवाए निलंबन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

निलंबन को विधि विरूद्ध मानते हुए हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था। जिसके बाद याची का नोएडा से गोरखपुर जोन में तबादला कर दिया गया। फिर वहां से संतकबीर नगर और अब वर्तमान में वह महाराजगंज में बतौर पुलिस इंसपेक्टर अभी कार्यरत है।

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