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स्टार्टअप शुरू करने से पहले जान ले ये 4 जरुरी मूल मंत्र, दोगुना हो जाएगा मुनाफा

ये बातें जान स्टार्टअप से कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते

किसी भी नए स्टार्टअप को शुरू करने के लिए तीन अहम बातें को ध्यान में रखना होता हैं। जो हैं आइडिया, प्लानिंग तथा फंड्स। ऐसे में आज हम सबसे जरुरी पार्ट बजट पर बात करते हैं, क्योंकि आप सभी को पता है कि बिना बजट का आकलन किए आप कोई भी स्टार्टअप नहीं कर सकते हैं।

ऐसे में स्टार्टअप के शुरूआत में जो सबसे जरुरी बात ध्यान में रखना होता है वो है फुलटाइम कर्मचारी को काम पर नहीं रखना। उसके बदले आप स्टार्टअप की शुरूआत में फ्रीलांसर्स से काम करवाईए। इसमें आपके ऊपर कोई जिम्मेदारी भी नहीं आती और काम खत्म होने के बाद आपको अनावश्यक सैलेरी का भुगतान नहीं करना होता है।

उसके बाद आता है काम के दौरान ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर से काम करना। स्टार्टअप के समय में कई लोग जोश जोश में काम के लिए प्रीमियम सॉफ्टवेयर्स का उपयोग करते है लेकिन इससे सिर्फ आपका खर्चा ही बढ़ेगा।

उदाहरण के तौर पर मान लिजिए आपके पास पांच लैपटॉप है जिनमें आपको विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम तथा एमएस ऑफिस इंस्टॉल करवाना है तो इससे आपका प्रत्येक मशीन पर लगभग चार से आठ हजार रुपए का खर्चा बढ़ जाएगा। जबकि यदि आप विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के बजाय फ्री या ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर जैसे लिनक्स, उबन्टू काम में लें तो आपका यह पूरा पैसा बचेगा और आप इसे किसी दूसरी उपयोगी जगह पर खर्च कर पाएंगे।

स्टार्टअप के शुरूआत में अगर आपको कम बजट में काम शुरु करना है तो नई और रिफर्बिश्ड मशीनों का इस्तमाल जरुर करें। इन मशीनों में सबसे बड़ा अंतर यही है कि नई मशीनें बिल्कुल न्यू होती हैं जबकि रिफर्बिश्ड मशीन्स वो हैं जिनमें कोई मामूली डिफेक्ट था, जिसके कारण यूजर ने उन्हें खरीदने के बाद वापस लौटा दिया। कंपनी इन्हीं मशीन्स को फिर से सही करके रिचैक करती हैं और उसके बाद सस्ते दामों में बाजार में निकाल देती है।

इन पर भी न्यू मशीन्स के समान ही गारंटी और बाकी ऑफर्स मिलते हैं लेकिन दोनों की कीमतों में अंतर आ जाता है। अगर आपको एक नया लैपटॉप चालीस हजार का पड़ रहा है तो उसी ब्रॉन्ड और कन्फीगरेशन वाला रिफर्बिश्ड लैपटॉप आपको 25 से 35 हजार रुपए के बीच मिल जाएगा।

और आखिरी में आता है शेयरिंग बेसिस पर काम करने वाले कमरे। इसका एक सबसे बड़ा फायदा होता है कि आप एक ही रूम में कई लोग के साथ शेयरिंग बेसिस पर अपने कमरे का किराया कम कर सकते हैं। शेयरिंग ऑफिस के कारण आपको ज्यादा किराया देना होगा। साथ ही यहां भी आपको ऑफिस में मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी परन्तु वहां पर आप अकेले नहीं होंगे वरन किसी दूसरी कंपनी का भी ऑफिस हो सकता है।

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