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उत्तराखंड सरकार की तरफ से राज्य कर्मचारियों को बड़ी सौगात, इस तरह से आसान होगी प्रमोशन की राह

देहरादून :  स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर उत्तराखंड सरकार ने राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। इसके जरिये अब राज्य कर्मचारियों को दिए जाने वाले प्रमोशन की राह में आसानी आएगी। सरकार ने प्रमोशन के लिए एसीआर में अति उत्तम की जगह पर उत्तम की टिप्पणी को एक जनवरी 2017 से मंजूर करने पर सहमति जता दी है।एसीपी से प्रभावित होने वाले कर्मियों का आकलन कराने पर सहमति जताई है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की विभिन्नि मांगों पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन की अध्यक्षता बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में अहम विषयों पर सहमित दी गयी। परिषद पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे के नेतृत्व में राज्य कार्मिकों को 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर प्रमोशन न होने की दशा में एसीपी के तहत पदोन्नति वेतनमान देने की मांग उठाई।

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एसीएस आनंद वर्द्धन ने एसीपी से प्रभावित होने वाले कार्मिकों की संख्या और इस पर आने वाले खर्च का आकलन करवाने का आश्वासन दिया। इसी तरह से पदोन्नति के लिए वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में अति उत्तम के स्थान पर उत्तम सेवा को मान्य करने की तिथि को एक जनवरी 2017 से लागू करने पर भी सहमति बनी है। इस बैठक में अफसरों ने प्रमोशन के लिए अर्ह सेवा अवधि में शिथिलीकरण का लाभ सभी कर्मचारियों को देने पर भी विचार किए जाने का आश्वासन दिया। कर्मचारियों ने गोल्डन कार्डधारकों को पंजीकृत दवा दुकानों और पैथोलॉजी लैब पर कैशलेस सेवा का लाभ दिए जाने की मांग उठाई।

बैठक में ये लोग हुए शामिल 

उन्होंने कहा कि, ”कैशलेस दवा वितरण के लिए दुकानों के पंजीकृत होने तक जन औषधि केंद्रों, पंजीकृत चिकित्सालयों और राजकीय चिकित्सालयों से गोल्डन कार्ड के आधार पर कैशलेस दवाएं उपलब्ध कराई जाए। इसी प्रकार से विभिन्न जांचों के लिए पंजीकरण तक राजकीय चिकित्सालयों के साथ ही पंजीकृत चिकित्सालयों में उपलब्ध पैथोलॉजी लैब से कैशलेस जांच की सुविधा दी जाए।” इस बैठक में सचिव कार्मिक शैलेश बगौली, अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान, गंगा प्रसाद के साथ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडेय, महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट, जिलाध्यक्ष देहरादून गुड्डी मटूड़ा उपस्थित रहे।

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सरकार से की थी ये मांगे 

-स्थानांतरण ऐक्ट की सभी विसंगतियों को दूर किया जाए
-वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट कार्मिक संगठनों को दी जाए
-निगम, निकाय कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की तरह सभी तरके के लाभ दिए जाएं
-विभागों के लम्बित पुनर्गठन के साथ ही सेवा नियमावली प्रकरणों पर तत्काल कार्रवाई की जाए
-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों का विनियमितीकरण पहले की सेवाओं को जोड़ते हुए किया जाए
-पहले की तरह वाहन भत्ते की अनुमन्यता विभागाध्यक्ष के निर्णय पर छोड़ दिया जाए
5400 ग्रेडपे कार्मिक को हवाई यात्रा की अनुमति दी जाए।

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