Chhattisgarh

अम्फान तूफान का कहर, उखाड़ दी दुनिया के सबसे पुराने बरगद पेड़ की जड़े।

बंगाल की खाड़ी से उठे सुपर साइक्लोन अम्फान ने जमकर तबाही मचाई। सुपर साइक्लोन अम्फान के चलते पक्षिम बंगाल और ओडिशा के कुछ इलाकों में  में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश देखने को मिली। तेज हवाओं और बारिश के चलते दोनों राज्यों के कई इलाकों में पेड़ और दीवारें गिर गईं। इसके अलावा अम्फान ने दुनिया के सबसे पुराने पेड़ “द ग्रेट बनियन ट्री” की जड़े उखाड़ दी।

अम्फान ने उखाड़ दी 250 साल पुराने बरगद के पेड़ की जड़ें

कोलकाता की शान और दुनिया के सबसे विशालतम बरगद कहा जाने वाला (Great Banyan Tree) भी अम्फान की चपेट में आ गया है। खतरनाक तूफान में इसकी कई जड़ें उखड़ गई है। पेड़ की जड़ें उखड़ने के चलते उत्तर पश्चिम भाग खाली-खाली दिख रहा है।बरगद के इस पेड़ की पहचान लगभग खत्म हो गई है।

इससे पहले कई तूफान झेल चुका है यह पेड़

ऐसा नहीं है कि इस पेड़ ने पहली बार तूफान झेला हो। साल 1884 और 1987 में आए 2 चक्रवाती तूफानों ने इस बरगद को काफी नुकसान पहुंचाया था। साल 1925 में इस विशाल बरगद की मुख्य शाखा में फंगस लग गया, जिसके बाद मुख्य शाखा को काटना पड़ा, इसके अलावा हाल में ही आये फेनी और बुलबुल तूफान से भी इसको नुकसान नहीं हुआ था। लेकिन अम्फान तूफान ने इस पेड़ को काफी नुकसान पहुँचाया है।

इस पेड़ की क्या है खासियत

जिस समय इस बरगद को लगाया गया था, उस वक्त इस पेड़ की उम्र 15 से साल 20 साल थी। इस हिसाब से इस बरगद की उम्र लगभग 250 साल से भी अधिक है। इस बरगद को दूर से देखें तो ये एक जंगल की तरह नजर आता हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि ये बरगद दुनिया का सबसे चौड़ा पेड़ है, जो लगभग 14,500 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इस बरगद की 3,372 से अधिक जटाएं जड़ का रूप ले चुकी हैं। सबसे सुखद यह कि यह बरगद पक्षियों की 87 अलग-अलग प्रजातियां का सुकून भरा घर भी है।

वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है इस पेड़ के नाम

इस पेड़ की विशलता को देखते हुए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। साल 1987 में भारत सरकार ने इस विशाल बरगद के सम्मान में डाक टिकट जारी किया था। यह बरगद बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया का प्रतीक चिन्ह भी है। हर साल देश-विदेश से हजारों टूरिस्ट इस बरगद को देखने के लिए आते हैं।

 

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