कोरोना के शोर में खत्म हो गए कुछ बैंकों के नाम, मिली नई पहचान
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की शाखाएं पीएनबी की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी
सिंडिकेट बैंक की शाखाएं केनरा बैंक की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी
आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक की शाखाएं युनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी
इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी।
द इंडिया राइज।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को पहली अप्रैल से 10 सरकारी बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी। इसके तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा। सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में किया जाएगा। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में किया जाएगा। और इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया जाएगा।
पहली अप्रैल से विलय प्रभावी
आरबीआई ने चार अलग-अलग बयानों में कहा कि विलय पहली अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा। ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की सभी शाखाएं पहली अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी। सिंडिकेट बैंक की शाखाएं केनरा बैंक की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक की शाखाएं युनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी। इलाहाबाद बैंक की शाखाएं इंडियन बैंक की शाखाओं के तौर पर काम करेंगी।
विलय के बाद बड़े आकार के 7 सरकारी बैंक होंगे
विलय के बाद देश में सात बड़े आकार के सरकारी बैंक और छोटे आकार के सरकारीर बैंक होंगे। वर्ष 2017 में 27 सरकारी बैंक थे। विलय के बाद बनने वाले सात बड़े सरकारी बैंकों में से सभी राष्ट्रीय स्तर के बैंक होंगे। विलय के बाद बनने वाले नए बैंकों में से हर एक का कारोबार 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा।
पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा
विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा। इसका कारोबार 17.94 लाख करोड़ रुपए का होगा। एसबीआई का कारोबार अभी 52 लाख करोड़ रुपए का है। बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक हो जाएगा। इसके बाद क्रमश: केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक का स्थान होगा। देश के अन्य सरकारी बैंकों में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और पंजाब एंड सिध बैंक शामिल हैं।
क्यों हुआ बैंकों का विलय ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इससे पहले तीन बैंकों के विलय से फायदा हुआ, रिटेल लोन ग्रोथ में 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 50 साल पहले जुलाई 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।
क्या बैंकों के विलय से दूर होगी एनपीए की समस्या ?
कई सरकारी बैंकों का एनपीए काफी बढ़ गया है। ऐसे में सरकार द्वारा विलय करना मजबूरी है। जानकारों के मुताबिक कई बैंकों का एनपीए सात फीसदी के पार जा चुका है। ऐसे में विलय करने से सरकार बैंकों के एनपीए को कम कर सकेगी। बैंकों के लिए एनपीए बड़ी समस्या है। बैंकों के विलय से एनपीए की समस्या से निजात मिलेगी। अभी सरकारी बैंकों का 88 फीसदी बिजनेस इन 10 बैंकों से चार बैंकों के पास चला जाएगा। इससे इन 10 सरकारी बैंकों का एनपीए पांच से सात फीसदी तक कम होने की उम्मीद है।
प्रस्तावित विलय के तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) का विलय पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में, सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) का केनरा बैंक (Canara Bank) में, आंध्रा बैंक (Andhra Bank) और कॉरपोरेशन बैंक (Corporation Bank) का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) और इलाहबाद बैंक (Allahabad Bank) का इंडियन बैंक (Indian Bank) में विलय होना है. इस विलय के बाद देश में सात बड़े आकार के बैंक होंगे जिनका कारोबार 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का होगा. विलय के बाद देश में सात बड़े बैंक, पांच छोटे बैंक रह जाएंगे. वर्ष 2017 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 थी.
ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है.
जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन्हें नए डीटेल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) आदि में अपडेट करवाने होंगे.
ग्राहकों के मन में उठ रहे सवालों के जवाब
क्या मेरे लोन की ब्याज दरें पहले जैसी ही रहेंगी या उसमें कोई बढ़ोतरी होगी ?
जवाब- मौजूदा ग्राहकों के लिए ब्याज की दर कानूनी कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक रिसेट पीरियड तक समान बनी रहेगी. हालांकि, नए ग्राहकों के लिए ब्याज की दर को बैंक की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा.
क्या अब मुझे अपने लोन के डॉक्युमेंट फिर से जमा करने होंगे?
जवाब- मर्जर के बाद लोन दस्तावेजों को दोबारा जमा कराने की कोई जरूरत नहीं होगी. सामान्य कामकाज के आधार पर कुछ कैनूनी दस्तावेज, अगर पहले जमा नहीं किए गए हैं, तो उन्हें मांगा जाएगा.
लोन ट्रांसफर, प्री-क्लोजर जैसी सुविधाएं क्या विलय के बाद भी ग्राहकों को मिलेंगी ?
जवाब-लोन से जुड़ी सभी सर्विसेज जैसे अमाउंट ट्रांसफर, प्री-क्लोजर, प्री-पेमेंट जैसी सेवाओं को संबंधित बैंक शाखा से लिया जा सकता है.
विलय के बाद मेरी ओवरड्राफ्ट (OD)/ कैश क्रेडिट (CC) की सुविधा का क्या होगा?
जवाब-ओवरड्राफ्ट (OD)/ कैश क्रेडिट (CC) का रिन्यूअल आसानी से हो जाएगा. इसमें में किसी भी बदलाव को पहले बता दिया जाएगा.
अगर कोई ओरिएंट बैंक कस्टमर है तो उसके बैंक अकाउंट, चेक बुक, सेविगंस और FD का क्या होगा?
जवाब-विलय के बाद जो नए बैंक बने हैं वो जब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं करते तब तक आपका मौजूदा अकाउंट नंबर, IFSC, MICR, डेबिट कार्ड..सब चलते रहेंगे. अभी चाहे जिस भी बैंक के आप ग्राहक हो आपके लिए सब पहले की तरह चलता रहेगा.ठीक इसी तरह जब तक बैंक कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं करते, तब तक आपक चेकबुक और पासबुक भी पहले की तरह चलता रहेगा.