कर्मचारियों को महाराष्ट्र सरकार का तोहफा, अब हफ्ते मेंं सिर्फ पांच दिन काम
Maharashtra government employees: महाराष्ट्र की सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देने का एलान किया है। उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पांच दिन का सप्ताह मंजूर किया है। यानी अब कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन काम करना पड़ेगा। और दो दिन का अवकाश मिलेगा।
यह फैसला आज महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक में लिया गया और यह 29 फरवरी से लागू होगा। महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारियों को वर्तमान में हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार का अवकाश मिलता है। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने कॉलिजों में राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया है। महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा 19 फरवरी से कॉलेजों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया गया है।
इससे पहले ठाकरे सरकार ने गैर-आवासीय क्षेत्रों में दुकानें, मॉल और रेस्तरां को लेकर बड़ा फैसला किया था। महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा था कि मुंबई के गैर-आवासीय क्षेत्रों में दुकानें, मॉल और रेस्तरां 26 जनवरी से चौबीसों घंटे खुले रह सकते हैं। यह वैकल्पिक है, इसे अनिवार्य नहीं बनाया जाएगा।
लंदन और मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में नाइटलाइफ का उदाहरण देते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा था कि मुंबई को भी लोगों को रात में वैसी सुविधा देने से पीछे नहीं हटना चाहिए। महानगर में सेवाएं 24 घंटे जारी रहनी चाहिएं। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि नाइटलाइफ को केवल शराब पीने के साथ जोड़ना गलत है।
उन्होंने कहा था कि मुंबई 24 घंटे काम करता है। यदि ऑनलाइन खरीदारी 24 घंटे खुली रह सकती है, तो रात में दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद क्यों रखा जाना चाहिए। दुकानों और मॉलों को रात में खोलना अनिवार्य नहीं है। यह उनपर निर्भर है, यदि वे दुकानों को खोले रखना चाहते हैं। कोई नियम नहीं बदला गया है। उन्होंने कहा कि हम आबकारी मानदंडों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर रहे हैं।
गरीबों को 10 रुपये में मिलेगा भरपेट भोजन
महाराष्ट्र सरकार गरीब और जरूरतमंद लोगों को 10 रुपये में खाना देने की भी शुरुआत भी कर चुकी है। उद्धव ठाकरे सरकार ने ‘शिव भोजन’ योजना को पूरे राज्य में 26 जनवरी से लागू कर दिया था। इस योजना के तहत राज्य सरकार पायलट परियोजना शुरू करने के लिए 6.4 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जो तीन महीने तक चलेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर जिला मुख्यालय में कम से कम एक ‘शिव भोजन’ कैंटीन शुरू की जाएगी।