403 सीटों वाले यूपी विधानसभा चुनाव कई मायनों में अन्य राज्यों के मुकाबले अलग है। जाहिर है जहां सीटें ज्यादा होंगी वहां प्रचार ज्यादा करना होगा तो इस प्रचार में पैसा भी ज्यादा खर्च होता है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि, यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के सभी प्रत्याशियों से कम पैसे खर्च किए हैं।
सीएम योगी सबसे ज्यादा कंजूस
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ हर चुनाव प्रचार में खर्च के मामले भाजपा के सभी प्रत्याशियों से पीछे हैं। सीएम योगी ने कुल 6.04 लाख रुपये खर्च किए हैं। जबकि चिल्लूपार से भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी ने 28 फरवरी तक 20.72 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। इससे ज्यादा किसी भी प्रत्याशी ने पैसे खर्च नहीं किए हैं। मुख्य कोषाधिकारी जनार्दन प्रसाद पांडेय ने बताया कि, मतगणना का खर्च भी प्रत्याशियों के चुनावी खर्च में ही जुड़ेगा। और होली के बाद खर्च की अंतिम रिपोर्ट तैयार होगी। या फिर वोटों की गिनती के 25-37 दिनों में ही चुनावी खर्च के आकलन की पूरी रिपोर्ट तैयार कर लेनी है।
प्रत्याशी के खाते में जुड़ता है सभी तरह का खर्च
आयोग के नियम के मुताबिक, किसी भी प्रत्याशी के नामांकन करने के बाद से ही चुनाव प्रचार-प्रसार से लेकर सभी तरह के खर्च प्रत्याशी के खाते में जुटते हैं। जिसका लिखा-जोखा अलग से रखा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, चौरीचौरा से निर्दलीय प्रत्याशी अजय कुमार सिंह अब तक सबसे ज्यादा 12.99 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं। सदर सीट से राइट टू री-कॉल पार्टी से प्रत्याशी राम धवन सबसे कम खर्च करने वाले प्रत्याशी हैं। रामधवन ने चुनाव प्रचार में नामांकन के समय जमा की जाने वाली जमानत राशि से भी कम महज 10 हजार रुपये खर्च किए हैं।
खर्चीले प्रत्याशियों की लिस्ट
खर्चीले प्रत्याशियों में सबसे ऊपर चिल्लूपार से भाजपा के राजेश त्रिपाठी हैं जिन्होंने चुनाव प्रचार में 20.72 लाख रुपये खर्च किए हैं। इके बाद चौरीचौरा से भाजपा के सरवन निषाद ने 17.07 लाख रुपये, तीसरे नबंर पर बांसगांव से भाजपा के विमलेश पासवान ने 11.96 लाख रुपये। चौथे नंबर पर खजनी से भाजपा के श्रीराम चौहान ने 11 लाख रुपये, ग्रामीण से भाजपा प्रत्यासी विपिन सिंह ने 8.41 लाख रुपये, शहर से भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने 6.04 लाख रुपये खर्च किए हैं।