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क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ? कैसे होती है योजना संचालित ?

soil health card scheme : इस बात से हर कोई अच्छे से परिचित है कि भारत देश की जान उसके गांव में बसती है। इन गांव में ज्यादातर लोग खेती-बाड़ी करके अपना गुजारा चलाते हैं। हमारे खाने के लिए अन्न भी देश में हो रही खेती-बाड़ी यानी कि कृषि के द्वारा ही आता है। इसी वजह से यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इनका पूरा ख्याल रखें। इसी वजह से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों और देश की मिट्टी के लिए एक नई योजना बनाई है। इस योजना का नाम मृदा स्वास्थ्य कार्ड यानी की मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना ( Soil Health Card Scheme) है। यह योजना मुख्य तौर पर किसानों के लिए उनकी मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में बताने के लिए और उन्हें इस जानकारी से लाभान्वित करवाने के लिए बनाई गई है । आज हम आपको इसी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। इस योजना की मदद से हर किसान लाभ प्राप्त कर सकता है।

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क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना?

भारत देश में किसान खेती करता है लेकिन कई किसान ऐसे होते हैं जिन्हें अपने खेत की मिट्टी के बारे में उचित जानकारी नहीं होती है। उचित जानकारी ना होने की वजह से उन किसानों को अच्छी फसल नहीं मिल पाती है जिसकी वजह से वह घाटे में रहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत देश में कई प्रकार की मिट्टियां पाई जाती हैं और यह जगह जगह पर उपस्थित होती हैं।

इसी वजह से इनमें अलग-अलग प्रकार के खाद्य पदार्थ या फिर अन्न उगाए जाते हैं। लेकिन कभी-कभी खेती के लिए मिट्टी में उतनी उर्वरता नहीं होती है जिसकी जानकारी किसान को नहीं होती है। इसी वजह से किसानों को अपनी मिट्टी के बारे में जानकारी प्राप्त करवाने के लिए और इससे फायदा दिलवाने के लिए सरकार ने यह योजना बनाई है।

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मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ( Soil Health Card Scheme) की शुरुआत भारत की केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। सॉइल हेल्थ कार्ड यानी की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत साल 2015 में की गई थी। यह योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत संचालित की जाती है। इसके लिए 568 करोड रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत देश के किसानों के पास मिट्टी की गुणवत्ता का अच्छी तरीके से अध्ययन किया जाता है। इसके बाद अध्ययन से मिली हुई जानकारी प्राप्त करके किसानों को अच्छी फसल प्राप्त करने में मदद की जाती है।

इस योजना में किसानों को एक हेल्थ कार्ड ( Soil Health Card) यानी कि स्वास्थ्य कार्ड भी दिया जाता है जो कि उनकी मिट्टी का होता है जिसमें उनकी मिट्टी के बारे में सारी जानकारी होती है। इसकी बातों से उन्हें अच्छी फसल मिलती है जिसकी वजह से भारत के किसान मुनाफा पा सकते हैं।

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कैसे होती है योजना संचालित?

इस योजना के अंतर्गत किसानों के खेत की मिट्टी की जांच कर उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जाता है।

इसमें मिट्टी की जांच की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है –
1.सर्वप्रथम इसके अधिकारी आपके खेत की मिट्टी के सैंपल तो इकट्ठा करते हैं ।

  1. इसके बाद अधिकारियों द्वारा इकट्ठा किए हुए सैंपल को परीक्षण के लिए लैब में भेजा जाता है।
  2. लैब में उपस्थित विशेषज्ञों की टीम मिट्टी की जाँच करते हैं और मिटटी के बारे में सभी जानकारियाँ प्राप्त करते हैं।
    4.जांच के बाद वे मिट्टी के सैंपल की ताकत और कमजोरी की एक सूची बनाते हैं।
  3. इसके बाद मिट्टी में यदि कमिंग होती है तो उसके सुधार के लिए कुछ तरीकों के साथ एक और सूची बनाई जाती है जिसमें सुझाव लिखे होते है।
    6.उसके बाद तैयार की गई इस रिपोर्ट को एक-एक करके किसान के नाम के साथ ऑनलाइन अपलोड किया जाता है।
    सभी किसान अपने मिट्टी की रिपोर्ट को ऑनलाइन देख सकते हैं।

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कार्ड पर लिखित जानकारी

किसानों को जो कार्ड मिलता है उस पर उन्हीं के लाभ के लिए उनकी मिट्टी के बारे में काफी जानकारी होती है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर निम्नलिखित जानकारी होती है –
–मिट्टी की सेहत के बारे में जानकारी।
–खेत की उत्पादक क्षमता की जानकारी।
–मिट्टी में पोषक तत्व की मौजूदगी एवं पोषक तत्व की कमी के बारे में सूचीबद्ध जानकारी।
–मिट्टी में पानी की मात्रा यानी नमी के बारे में जानकारी।
–अन्य उपस्थित पोषक तत्वों की सूचना
–खेतों की गुणवत्ता सुधारने हेतु उचित दिशनिर्देश यानी की सुझाव भी लिखे होते हैं।

क्या हैं योजना के लाभ?

यह योजना किसानों के लिए सबसे ज्यादा फायदे लेकर आई है। इसकी मदद से किसान अपनी उपज को बढ़ा सकेंगे। इस योजना के कुछ मुख्य लाभ इस प्रकार है –

  1. इस योजना के तहत किसानों की खेत की मिट्टी के बारे में किसानों को सारे जानकारी मिलती है उसके बाद उनको सुझाव भी दिए जाते हैं। इन सुझावों की मदद से किसान अपने खेत में अच्छी फसल उगा सकता है।
  2. इस योजना से लाभान्वित किसानों को अपनी मिट्टी के बारे में निरंतर जानकारी मिलती रहती है। हर 3 साल के बाद उनको नई रिपोर्ट मिला करती है।
    3.मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सरकार लगातार उपायों की सूची बनाती रहेगी।
  3. किसानों को सुधारात्मक उपाय बताने के लिए एक विशेषज्ञ सहायता करने के लिए रहता है।
  4. इसकी मदद से किसान इस बात को जान पाएंगे क्योंकि खेत के लिए किस प्रकार का खाद या फिर फ़र्टिलाइज़र आवश्यक है।
  5. पर्यावरण के अनुकूल यह योजना मिट्टी की सेहत को और पर्यावरण को संभाल कर रखती है।

कौन उठा सकता है लाभ?

इस योजना का लाभ का हर किसान उठा सकता है बशर्ते उसके साल की उम्र 18 से 40 साल के बीच में होनी चाहिए। सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं बल्कि यह योजना युवाओं के लिए भी रोजगार का एक नया जरिया है। क्योंकि इस योजना में मिट्टी की जांच के लिए मिनी प्रयोगशाला भी खोली जाती है। इस वजह से इन प्रयोगशालाओं को खोलने के लिए सरकार की ओर से 3.75 लाख रुपए दिए जाते हैं।

कैसे करें आवेदन?

इस योजना में आवेदन करने के लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रिया को अपनाना होगा –

  1. सबसे पहले आवेदक को इस योजना का फायदा उठाने के लिए इसकी ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा। http://www.soilhealth.dac.gov.in/ इसकी ऑफिशियल वेबसाइट है।
  2. इस लिंक पर क्लिक करने पर आपको एक होमपेज खुला हुआ दिखाई देगा।इस होम पेज पर आपको लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा ।

3.इस ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपके सामने आगे का पेज खुल जायेगा इस पेज पर आपको अपने राज्य का चयन करना करना होगा जिसके बाद आपके सामने एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा।

  1. आपको इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर पूछी गई सारी जानकारी को सही सही भरना होगा।सभी जानकारी भरने के बाद आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करे।
  2. इसमें आपको अपना पासवर्ड भी बनाने को कहा जाएगा। ध्यान रहे कि आप अपना पासवर्ड याद रखें।
    इस प्रकार इस योजना में आपका रजिस्ट्रेशन सफल हो जाएगा।

कितना हुआ काम?

यह योजना महत्वकांक्षी योजना होने के साथ-साथ काफी ज्यादा पर्यावरण के अनुकूल भी है। इस योजना की अभी तक कई लोगों ने मदद ली है जिसकी वजह से भारत देश में कई गांव में मिट्टी में सुधार भी हुआ है। कई जगहों पर मिट्टी का उत्पादन 10 फ़ीसदी तक बढ़ गया है।केंद्र सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण के पहले चरण ,जोकि वर्ष 2015 से 2017 तक चला ,में 10.74 करोड़ कार्ड बांटे गए और दुसरे चरण यानी की वर्ष 2017-2019 में 11.69 करोड़ कार्ड वितरित किये गए हैं। इसी वजह से इस योजना से कई किसान लाभान्वित हुए हैं।

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