केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से खोलने की अनुमति दे दी है। फिर भी केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों पर कोरोना की स्थिति के आकलन के आधार पर स्कूलों को खोलने या न खोलने का निर्णय सौंप दिया है। केंद्र सरकार ने स्कूल खोलने के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं। ये गाइडलाइंस 54 पेज की है।
केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस में कुछ साफ नहीं किया है। राज्य सरकारें स्कूल खोलने पर अपना फैसला ले सकेंगी। अगर संभव हुआ तो क्लास 1 से 5 तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल बैग की पाबंदी ना रखी जाए।
अगर कोई राज्य चाहत है कि छोटे बच्चों के लिए स्कूल पहले खोल दिए जाएं तो केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि कोई बच्चा घर रहकर ही ऑनलाइन पढ़ाई करना चाहता है तो स्कूल को उसकी इजाजत देनी होगी।
तो क्या अटेंडेंट के लिए स्कूल जाना जरूरी होगा ?
गृह मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइंस में साफ किया है कि स्टूडेंट्स को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। अटेंडेंस पर कोई पाबंदी नहीं होगी। यह पूरी तरह पैरेंट्स की सहमति पर निर्भर होगा।
जिन स्कूलों में एजुकेशन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था नहीं होगी वहां टीचर्स और स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को बात करनी होगी। उन्हें यह निश्चित करना होगा की बच्चों की पढ़ाई सही दिशा में चले। इसके साथ ही अटेंडेंट अवॉर्ड भी देने पर पाबंदी होगी।
परीक्षाओं का क्या रहेगा हाल ?
गाइडलाइंस में साफ किया गया है कि दो से तीन हफ्ते तक असेसमेंट नहीं होगा। साथ ही परीक्षाओं में पेन और पेपर टेक्स्ट फॉर्मेट में परीक्षा लेने से बचें।
रोल प्ले, कोरियोग्राफर, क्लास क्विज़, पहेली गेम्स, ब्रोशर डिजाइनिंग, प्रेजेटेशंस, जर्नल्स, पोर्टपोलियो के आधार पर असेसमेंट किया जाएगा।
बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या होंगी व्यवस्था ?
बच्चे अगर स्कूल आएंगे तो उनके पैरेंट्स को लिखित में देना होगा। उन्हें पढ़ाई के लिए बच्चों को मंजूरी देनी जरूरी होगी। अगर बच्चा बीमार है तो इस बात की सूचना भी स्कूल को दी जाएगी।
स्कूल कैंपस में लगातार सफाई का ध्यान रखा जाना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूरी होगा।
क्लास को शिफ्टिंग में लगाने का सुझाव भी दिया जा रहा है अगर क्लास में बच्चे ज्यादा हैं तो ऑड-ईवन बेसिस पर भी स्टूडेंट्स को बुलाने की शिफ्टिंग की गई है।
टीचर्स करेंगे मोटिवेट
टीचर्स का ध्यान स्टूडेंट्स के इमोशनल वेलनेस पर होगा। स्टूडेंट को मोटिवेट किया जाएगा और इसे पैरेंट्स के साथ शेयर भी किया जाएगा।
क्लास रूम में पढ़ाई एक्टिविटी के माहौल में की जाएगी। जिससे स्टूडेंट्स की इमोशनल वेलनेस को सुनिश्चित कर सकें।
पैरेंट्स को भी कहा गया है कि वे नॉर्मल वे में बच्चों को आगे बढ़ने में सपोर्ट करें।
किस राज्य ने क्या लिया है फैसला
उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड बिहार, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में स्कूल खुल जाएंगे, लेकिन आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु दिल्ली समेत कई राज्य ऐसे भी हैं जिन्होंने 31 अक्टूबर तक स्कूल बंद रखने का फैसला लिया है।
उत्तरप्रदेश में गाइडलाइंस के मुताबिक 15 अक्टूबर से स्कूल कर साथ-साथ कोचिंग सेंटर भी खुल जाएंगे, लेकिन इनके बाद भी प्रशासन से मंजूरी लेना जरूरी होगा। स्कूल में भी छात्र माता-पिता की बिना सहमति के नहीं आ सकेंगे। छात्रों को स्कूल आने के लिए लिखित अनुमति दी जाएगी।