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कोरोना के कहर के बीच सोशल डिस्टेनसिंग वाला फ़्रेंडशिप डे, जानिए कोरोनाकाल में फ्रेंडशिप डे सेलेब्रेट करने के 8 टिप्स

कोरोना के कहर ने लोगों के बीच लंबी दूरी बना दी है। अब ना तो दोस्तों के साथ पार्टियां हो रही हैं और ना ही मस्ती। सिर्फ वीडियो कॉलिंग पर दोस्ती सिमट के रह गई है। ना दोस्तों के घर जाना और ना ही दोस्तों का आना। लोग एक दूसरे से पहले के जैसे हिल मिल नहीं रहे हैं।इस बार लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर इस बार मित्रों को विश करेंगे।

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 8 टिप्स के जरिए सेलिब्रेट करें फ्रेंडशिप डे

कोरोना काल में कैसे दोस्तों के साथ दोस्ती निभाएं ये बेहद जरूरी है क्योंकि बीमारी से बचना भी है और दोस्ती भी निभानी है।  ऐसे में इन 8 टिप्स के जरिए सेलिब्रेट करें फ्रेंडशिप डे।

1. कोरोना के चलते लोग न तो जादू की झप्पी दे पा रहे हैं और न ही हाथ मिला पा रहे हैं। सोशल डिस्टेनसिंग, मास्क पहनना और बार-बार हैंड वॉश करने पर जोर दिया जा रहा है।

2. जब तक कोरोना का कोई कारगर इलाज नहीं आ जाता तबतक हमें कोरोना के साथ जीना होगा। ऐसे में फिलहाल फोन कॉल, टेक्सट मैसेज, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ही दोस्तों को आपस में जोड़े रखने का सही तरीका है।

3. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है, जिससे ना सिर्फ आप बल्कि आपके दोस्त भी सुरक्षित रहेंगे।

4. दोस्ती से पहले अपनी और अपने फैमिली की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। आप सुरक्षित रहेंगे तभी आपके दोस्त भी सुरक्षित रहेंगे। इस खास अवसर पर दोस्तों से मिलें।कोशिश करें कि दूर रहकर ही इस दिन को सेलिब्रेट किया जा सके।

5. हाथों को बार-बार सैनिटाइज करें और मास्क पहन कर मिलें.

6. आप जहां अपने दोस्तों से मिल रहे हैं, सुनिश्चित कर लें कि वहां कोरोना के मामले की क्या स्थिति है। अगर स्थिति खतरनाक है तो वहां ना जाएं।

7. दोस्तों से जुड़े रहने के लिए दिन में एक-दो बार कॉल करके उनके स्वास्थ्य के बारे में जरूर पूछ लें।

8. सोशल मीडिया ग्रुप में अपने दोस्तों को जोड़ कर उनकी दुख तकलीफों और मानसिक तनाव का कारण जानने की कोशिश करें और संभव हो तो मिल कर समाधान निकालें।

 फ़्रेंडशिप डे क्या है?

दो लोगों के बीच खूबसूरत बंधन को दोस्ती कहा जाता है। दोस्ती में लोग एक दूसरे का सम्मान, देखभाल, प्रशंसा, चिंता और प्यार करते हैं।हालांकि, इसे परिभाषित नहीं किया जा सकता है।ये इन सबसे भी बढ़कर हो सकता है।कभी-कभी परिवार से बढ़कर भी दोस्त काम आते हैं।कई बातें जो लोग अपनों को शेयर नहीं कर पाते वे दोस्तों को शेयर करते हैं। जिंदगी में दोस्तों का होना बेहद जरूरी है। कोई व्यक्ति अपने परिवार के भले ही कितना ही क्लोज हो, लेकिन अगर उसके दोस्त नहीं हैं, तो कहीं न कहीं उसकी लाइफ अधूरी सी ही रहती है।

ऐसे दोस्तों से रखें सोशल डिस्टेनसिंग

कई बार कुछ लोग कहने को तो दोस्त होते हैं, लेकिन असल में वे दोस्ती के लायक नहीं होते हैं, क्योंकि उनका आसपास होना ही आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

मतलबी दोस्त

अगर आपके ग्रुप में ऐसे दोस्त हैं, जो सिर्फ तभी आपके आसपास नजर आते हैं या फिर कॉन्टैक्ट करते हैं, जब उन्हें इमोशनल या अन्य तरह के सपोर्ट की जरूरत हो, तो वे मतलबी दोस्त हैं। ऐसे दोस्त कभी भी तब साथ नहीं होते,जब आपको उनकी जरूरत होती है। इस तरह के फ्रेंड्स इमोशनली सबसे ज्यादा हर्ट करते हैं। बेहतर है कि ऐसे दोस्तों को दोस्त की कैटिगरी में रखें ही ना।

नेगेटिव दोस्त

क्या आपकी लाइफ में भी ऐसे दोस्त हैं, जो हमेशा ही नेगेटिव बातें करते हैं? अगर हां, तो बेहतर है कि ऐसे दोस्तों से दूरी बना लें। ऐसे दोस्त हमेशा डिमॉरलाइज़ करने की भी कोशिश करते हैं, जिससे व्यक्ति के आत्मविश्वास तक में कमी आ सकती है।

ओवर पजेसिव दोस्त 

ओवर पजेसिव दोस्त आपको किसी भी अन्य से दोस्ती नहीं करने देते या फिर किसी और के साथ आपके टाइम स्पेंड करने पर नाराज हो जाते हैं। ये आपकी डेटिंग लाइफ तक में दखल दे सकते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि दोस्त होने के नाते यह उनका हक है। अपने मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए इस तरह के दोस्तों को जल्द से जल्द दूर कर देना चाहिए।

जो आपका मजाक बनाये

क्या आपका दोस्त भी मजाक के नाम पर सबके सामने आपकी बेइज्जती करता है? क्या वह सच या खुद को स्ट्रेट फॉरवर्ड व्यक्ति बताते हुए आपके लिए ऐसी बातें बोल देता है, जो आपको हमेशा हर्ट कर देती हैं? अगर हां, तो इस दोस्त को बाय-बाय कह दें।

 फ़्रेंडशिप डे का महत्व क्या है? 

 फ़्रेंडशिप डे मनाने का मुख्य उद्देश्य इंसानों के बीच प्यार और शांति को बढ़ावा देना है। दोस्त वे होते हैं जो सुख-दुख साझा करते हैं और हमारा मार्गदर्शन भी करते हैं। हालांकि, धीरे-धीरे इस दिवस को लोगों ने व्यापार का माध्यम बना दिया है। सोशल मीडिया के दौर ने फ्रेंडशिप डे का स्वरूप पहले ही बदल दिया था।पहले लोग अपने दोस्तों को अपनी निशानी का कोई बंधन बांधते थे। जो सोशल मीडिया और इंटनेट के जमाने में डिजीटल ग्रीटिंग्स और मैसेज तक सीमित रह गया है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण यह भी बदलने वाला है।

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